''मॉम क्या आप और डैड मुझसे गुस्सा होकर मुझे जान से भी मार सकते हैं ?''तेरह वर्षीय अपनी बेटी स्नेहा के मुख से ऐसी बात सुनकर उसकी मम्मी तृप्ति हैरान रह गयी .उन्होंने स्नेहा को पास बैठाकर बहुत प्यार से पूछा -'''ऐसा क्यों पूछ रही हो तुम्हे हम पर विश्वास नहीं !'' स्नेहा ने न में गर्दन हिलाते हुए मासूमियत के साथ कहा -''नहीं ममा ऐसी बात नहीं पर मेरी फ्रेंडस कह रही थी कि उन्हें अब अपने डैड-मॉम से डर लगने लगा है ..वो ...न्यूज पेपर में आ रहा था कि आरुषि तलवार के मर्डर केस में उसके पेरेंट्स पर ही शक किया जा रहा .मॉम क्या ऐसा हो सकता है ? तृप्ति ने स्नेहा के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा -नहीं बेटा कभी नहीं ......जाओ स्टडी करो .....ये सब बेकार की बातें हैं इन पर ध्यान मत दिया करो !'' स्नेहा उठकर अपने स्टडी रूम में चली गयी और तृप्ति मन में सोचने लगी ''......बेटा तुम्हारा और तुम्हारी फ्रेंडस का डर जायज है जब माली ही गुलशन उजाड़ेंगे तब फूल तो खिलने से डरेंगे ही ...''
12 टिप्पणियां:
इस लघुकथा में बहुत कुछ कह दिया आपने!
इस लघुकथा में बहुत कुछ कह दिया आपने!
इस लघुकथा में बहुत कुछ कह दिया आपने!
इस लघुकथा में बहुत कुछ कह दिया आपने!
betiyon ko darane ki jaroorat nahin hai...
बहुत ही सुंदर
श्री श्री 1008 श्री खेतेश्वर जयंती पर आज निकलेगी भव्य शोभायात्रा
or
जयंती पर आज निकलेगी शोभायात्रा
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Sunder ...arthpoorn laghukatha ...
कहीं गहरे शूल सी चुभ जाती कथा!!
एक बुरी घटना, लाखो लोगों के मन में अविश्वास भर जाती है।
शिखा जी, आपने 'सुज्ञ' पर पधार कर, शानदार टिप्पणी से हमें उपकृत किया, आभारी हूँ।
Jai Shri Krishna,
We must remove rather "delete" this sense of fear from every girl's mind.
Nice story.
Thanks for visiting. I request you to read more funny acts of "Ronie" and enjoy.
Blessings.
A.G.Krishnan
बहुत सुन्दर लिखा आपने इस लघुकथा में बहुत कुछ कह दिया...
कभी-कभी कुछ इस तरह की घटना लाखो लोगों के मन में अविश्वास भर देती है।
परन्तु अभी भी हमारे संस्कार खतम नही हुये है।बच्चों के मन में से ये डर निकालना ही होगा
स्नेहा का जिस प्रसंग में है पढकर मन खराब हो गया। सच में क्या आज बेटियों के दिमाग में ये सवाल बना हुआ है। अगर ऐसा है तो हम सभी को सोचना होगा कि बच्चों में ये भाव कैसे खत्म किए जाएं।
बेटा तुम्हारा और तुम्हारी फ्रेंडस का डर जायज है जब माली ही गुलशन उजाड़ेंगे तब फूल तो खिलने से डरेंगे ही .
ye accha hai bahut accha hai
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