सत्यनारायण की बहुत समय बाद अचानक अपने पुराने मित्र श्याम लाल से बस में मुलाकात हो गयी .दोनों ही गांव से शहर जा रहे थे . श्याम लाल ने औपचारिक बातचीत के बाद उत्सुकता वश आखिरकार सत्यनारायण से पूछ ही लिया -''अरे भाई एक बात तो बता ..तेरे उस भांजे का क्या हुआ जो किसी लड़की को ले भागा था ? बहुत शोर मचा था तब ..तीन साल हो लिए होंगे इस घटना को !'' सत्यनारायण गम्भीर होते हुआ बोला -''होना क्या था भाई ...पंचायत ने बीच में पड़कर छुट-छुटाव करवाया ...दो साल पहले उसका ब्याह कर दिया था ..तब से सुधर गया है .बस अब अपने बाल-बच्चों में रमा रहता है ..लड़का भोला था ....बहक गया था .'' श्यामलाल दोगुनी उत्सुकता के साथ बोला -..और उस लड़की का क्या हुआ ..जो उसके साथ भागी थी ?'' सत्यनारायण कड़वा सा मुंह बनाता हुआ बोला -'' उसका क्या होना था ......सुना है उसके बाप ने ही जहर देकर मार डाला उसे और चुपचाप मामला निपटा दिया ...बदचलन कहीं की ...ऐसी लड़की भी कभी सुधरा करती हैं क्या ..!!!
शिखा कौशिक 'नूतन'
2 टिप्पणियां:
you have opened the truth of our great society .nice story .
touchy story...
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