हिन्दी लघुकथा
श्रेया और मानस प्रेम विवाह के तीसरे वर्ष में ही विवाह विच्छेद कर अलग हो गए क्योंकि मानस भगवान बनना चाहता था और श्रेया नास्तिक ।
- डॉ शिखा कौशिक नूतन
गजब🥲
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