आत्मा - लघुकथा
पंडित जी प्रवचन दे रहे थे. स्त्रियों को लक्ष्य कर जब उन्होंने कहा कि - रजस्वला स्त्री यदि भोजन बनाये तो अगले जन्म में कुतिया बनती है. "उनकी इस बात पर सभी स्त्रियां भयभीत होकर एक दूसरे का मुख देखने लगी तभी सोलह वर्षीय हीमा खड़े होकर अत्यंत व्यंग्यपूर्ण स्वर में हाथ जोड़कर बोली - पंडित जी हो सकता है आप सही कह रहे हो हमारे समाज में एक स्त्री की स्थिति कुतिया से बेहतर ही कहां है? बलात्कार, दहेज हत्या जैसे अपराधों को झेलने वाली औरत को कोई भी देह, योनि मिल जाये पर उसकी आत्मा को तो छलनी होना ही है. "यह कहकर वह वहां से जैसे ही चली, सभी स्त्रियां उसके पीछे हो ली.
-डॉ शिखा कौशिक नूतन
पंडित जी प्रवचन दे रहे थे. स्त्रियों को लक्ष्य कर जब उन्होंने कहा कि - रजस्वला स्त्री यदि भोजन बनाये तो अगले जन्म में कुतिया बनती है. "उनकी इस बात पर सभी स्त्रियां भयभीत होकर एक दूसरे का मुख देखने लगी तभी सोलह वर्षीय हीमा खड़े होकर अत्यंत व्यंग्यपूर्ण स्वर में हाथ जोड़कर बोली - पंडित जी हो सकता है आप सही कह रहे हो हमारे समाज में एक स्त्री की स्थिति कुतिया से बेहतर ही कहां है? बलात्कार, दहेज हत्या जैसे अपराधों को झेलने वाली औरत को कोई भी देह, योनि मिल जाये पर उसकी आत्मा को तो छलनी होना ही है. "यह कहकर वह वहां से जैसे ही चली, सभी स्त्रियां उसके पीछे हो ली.
-डॉ शिखा कौशिक नूतन
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