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शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

स्वतंत्रता - लघुकथा

स्वतंत्रता - लघुकथा
सोनाक्षी के क्लिनिक में बेटी के इलाज के लिए पहुंची मीरा उसे बधाई देती हुई बोली - मुबारक हो सोना तुम डॉक्टर बनकर प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही हो. आठवीं क्लास तक हम दोनों साथ पढ़े थे. तब तुम्हें देखकर कोई नहीं कह सकता था कि तुम्हारे भीतर इतनी प्रतिभा छिपी है. हम सब फैशन के कपड़े , जूते , बैग्स लाते और तुम दो चोटी बांध कर सलवार सूट में आती. हम समझते तुम्हारे पैरेंट्स संकुचित विचारधारा के हैं पर आज तुम्हें यहां तुम्हारे क्लीनिक पर डॉक्टर के रूप में कार्यरत देखकर समझ में आया कि उन्होंने तुम्हें न केवल उड़ने की स्वतंत्रता दी बल्कि उचित दिशा हेतु मार्गदर्शन भी किया. ' मीरा की यह बात सुनकर सोनाक्षी मुस्कुरा दी और उसकी दो साल की बिटिया को गोद में उठाती हुई बोली - अब हमें इस चिड़िया को भी सही दिशा में उड़ने के लिए पंख लगाने हैं.' यह कहकर सोनाक्षी उसके चैकअप की तैयारी में लग गई.
_डॉ शिखा कौशिक नूतन

2 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

सही दिशा मिलने से ही सही राह आसान होती है
बहुत अच्छी प्रेरक प्रस्तुति

Shikha Kaushik ने कहा…

हार्दिक आभार कविता जी.