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शनिवार, 13 अप्रैल 2013

महिला सशक्तिकरण और मुख्यमंत्री जी -एक राजनैतिक लघु कथा

 महिला सशक्तिकरण और मुख्यमंत्री जी -एक राजनैतिक लघु कथा

Rickshaw : UNIDENTIFIED WOMAN IN DUST STORM. SHOT AT AFTERNOON HOURS ON APRIL 05, 2013 IN PATNA, INDIA.

एक राज्य के मुख्य मंत्री महोदय महिला उद्यमियों के कार्यक्रम में महिला -सशक्तिकरण एवं भ्रूण हत्या  मुद्दों पर बोल रहे थे .पूरे कार्यक्रम का प्रसारण राष्ट्रीय चैनल पर घर-घर प्रसारित किया जा रहा था . दो रिक्शावाले भी टी .वी .की एक दुकान के सामने खड़े होकर उनका मनमोहक भाषण सुनने लगे .मुख्यमंत्री जी धाराप्रवाह बोल रहे थे -' निर्णय  में महिलाओं की भागीदारी से ही बदलेगी देश की तकदीर .'' ऐसी  लुभावनी बातें कर उन्होंने उपस्थित सभी महिला उद्यमियों का दिल जीत लिया .दोनों रिक्शावाले भी उनके महान विचारों से प्रभावित हो ताली बजाने  लगे .तभी एक संभ्रांत महिला उनके पास आकर रुकी . सीधे पल्ले की साड़ी पहने ,  सिर ढके , उस महिला ने एक नज़र टी.वी. पर प्रसारित कार्यक्रम पर डाली और फिर ताली बजाते एक रिक्शावाले से पूछा -'' बेटा सरकारी अस्पताल चलोगे ? रिक्शावाला मुस्कुराकर बोला -''क्यों नहीं माँ जी ! आप आराम से बैठ जाइये .'' ये कहकर  उसने उनका हाथ पकड़कर रिक्शा में चढ़कर बैठने में उनकी मदद की और फिर रिक्शा लेकर चल दिया .रिक्शा जब सरकारी अस्पताल पर पहुंची तब वे संभ्रांत महिला रिक्शावाले की मदद से नीचे उतरी और उसको पैसे देते हुए बोली -''बेटा जिस आदमी के भाषण पर तुम ताली बजा रहे थे और जो महिलाओं की निर्णय में भागीदारी की बात कर रहे थे ...वे मेरे पति हैं जिन्होंने अपनी महत्वाकांक्षाओं  के कारण जीवन भर मेरी उपेक्षा की .कभी ये जानने तक की कोशिश नहीं की  कि मैं जिंदा हूँ या मर गयी .अगली बार जब भी उनके भाषण पर ताली बजाने का मन करे तब एक बार इस बीमार अम्मा को याद कर लेना .'' ये कहकर वे अस्पताल की सीढियाँ चढ़कर अन्दर की ओर चल दी और रिक्शावाले ने अपनी हथेलियों को भींचकर मुठ्ठी बना ली 

         शिखा कौशिक 'नूतन'

8 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

नेताओं के कथनी और करनी हमेशा फर्क रहता आज जो भी दिखावा राजनीति के लिए हो रहा है सब वोट के लिए,आभार

Recent Post : अमन के लिए.

Shalini kaushik ने कहा…

जबरदस्त कटाक्ष आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें नरेन्द्र से नारीन्द्र तक .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (14-04-2013) के चर्चा मंच 1214 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

Guzarish ने कहा…

सुंदर कटाक्ष रचना
सादर
''माँ वैष्णो देवी ''

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

नेतायों का काम ही "मुहं में राम बगल में छूरी" वाली होती है
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दिगम्बर नासवा ने कहा…

कथनी ओर करनी का अंतर ही विरोध पैदा करता है ... पहले अपनों का ध्यान रखना सीखें ..

Rajendra kumar ने कहा…

नेता,नाम सुनकर ही मुझे तो घुटन होने लगती है.ज्यादा नही...

Ramakant Singh ने कहा…

यही कथनी और करनी का खेल है ...