डॉगी और कुत्ते में के फरक होवे है- लघु कथा
मिश्रा साहब के बंगले पर माली का काम करने वाला बुद्धू पौधों की सिचाई कर रहा था .आज उसके साथ उसका पांच वर्षीय बेटा दीपू भी आया था .दीपू बगीचे के फूल देखकर आनंदित हो रहा था तभी मिश्रा साहब का सात वर्षीय बेटा जॉनी अपने डॉगी के पीछे दौड़ते दौड़ते हुए वहां आ पहुंचा .जॉनी के सुन्दर डॉगी को देखते ही दीपू चिल्लाया -''बापू देख कित्ता सुन्दर कुत्ता !!''जॉनी दीपू की बात सुनकर गुस्से में भरकर बोल -''शटअप ...ये कुत्ता नहीं ..ये डॉगी है स्टुपिड ...रास्कल ..!!''जॉनी को गुस्सा होते देख बुद्धू दीपू को डपटते हुए बोला -''माफ़ी मांग इनसे ...बाबू भैया माफ़ कर दो इसे ..अक्ल नहीं है इसमें .'' जॉनी ने एक घृणा भरी दृष्टि दीपू पर डाली और पुचकारते हुए अपने डॉगी को गोद में उठाकर वहां से चला गया .जॉनी के जाते ही दीपू ने मासूमियत के साथ बुद्धू से पूछा - '' बापू डॉगी और कुत्ते में के फरक होवे है ?'' बुद्धू दीपू के सिर पर हल्की सी चपत लगाते हुए बोला -''छोरे जो बंगले में रहवे है वो डॉगी और जो सड़क पे रहवे है वो कुत्ता .समझा कछु ? दीपू समझते हुए बोला -''यानि बापू ..बाबू भैया डॉगी है और... मैं कुत्ता ....क्यूँ ठीक कहा बापू ? '' दीपू की बात सुनकर बुद्धू उदास होते हुए बोला -'' हां ! बेटा ठीक कहा .''
शिखा कौशिक 'नूतन'
मिश्रा साहब के बंगले पर माली का काम करने वाला बुद्धू पौधों की सिचाई कर रहा था .आज उसके साथ उसका पांच वर्षीय बेटा दीपू भी आया था .दीपू बगीचे के फूल देखकर आनंदित हो रहा था तभी मिश्रा साहब का सात वर्षीय बेटा जॉनी अपने डॉगी के पीछे दौड़ते दौड़ते हुए वहां आ पहुंचा .जॉनी के सुन्दर डॉगी को देखते ही दीपू चिल्लाया -''बापू देख कित्ता सुन्दर कुत्ता !!''जॉनी दीपू की बात सुनकर गुस्से में भरकर बोल -''शटअप ...ये कुत्ता नहीं ..ये डॉगी है स्टुपिड ...रास्कल ..!!''जॉनी को गुस्सा होते देख बुद्धू दीपू को डपटते हुए बोला -''माफ़ी मांग इनसे ...बाबू भैया माफ़ कर दो इसे ..अक्ल नहीं है इसमें .'' जॉनी ने एक घृणा भरी दृष्टि दीपू पर डाली और पुचकारते हुए अपने डॉगी को गोद में उठाकर वहां से चला गया .जॉनी के जाते ही दीपू ने मासूमियत के साथ बुद्धू से पूछा - '' बापू डॉगी और कुत्ते में के फरक होवे है ?'' बुद्धू दीपू के सिर पर हल्की सी चपत लगाते हुए बोला -''छोरे जो बंगले में रहवे है वो डॉगी और जो सड़क पे रहवे है वो कुत्ता .समझा कछु ? दीपू समझते हुए बोला -''यानि बापू ..बाबू भैया डॉगी है और... मैं कुत्ता ....क्यूँ ठीक कहा बापू ? '' दीपू की बात सुनकर बुद्धू उदास होते हुए बोला -'' हां ! बेटा ठीक कहा .''
शिखा कौशिक 'नूतन'
3 टिप्पणियां:
कडुआ सच ...
कुछ लोग दुनिया से अलग होते हैं .. या समझते हैं अपने आप को ...
सोच अमीर गरीब को किस सांचे में ढाल सकती है इसे बहुत ही सुन्दर भावनाओं के साथ शब्दों में पिरोया है . .मन को छू गयी आपकी कहानी .आभार . मेरी किस्मत ही ऐसी है .
साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
कडुआ सच मगर अपने आप को सदा दोहराता
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