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बुधवार, 12 जून 2013

खुला -फैला आसमान -लघु कथा

खुला -फैला  आसमान -लघु कथा 


दिसंबर का माह था .सुरेश घर से बाहर निकला .गोद में दो वर्षीय उसकी पुत्री टिया थी .टिया तेज ज्वर से पीड़ित थी .गर्म कपड़ों में ढकी -छिपी बिटिया को लेकर डॉक्टर की क्लिनिक की ओर चला ही था कि पीछे से किसी कार ने  हॉर्न दिया .सुरेश ने मुड़कर देखा तो ये उसका पडोसी रमेश था .कार में उसकी पत्नी व् एक वर्षीय बेटा भी था .रमेश ने कार की खिड़की से सिर निकालकर पूछा-''क्या हुआ सुरेश ?'' सुरेश ने  टिया  को सँभालते हुए उत्तर दिया  -'बिटिया के तेज बुखार है .डॉक्टर को दिखाने ले जा रहा हूँ .'' रमेश सिर कार के भीतर ले जाते हुए बोला  -'जल्दी जाओ भाई ..आजकल बहुत फ़ैल रहा है फीवर .'' ये कहकर उसने कार आगे बढ़ा दी .सुरेश को उम्मीद थी कि शायद रमेश उसे डॉक्टर की क्लिनिक तक कार से छोड़ देगा पर .......ऐसा कुछ नहीं हुआ .इसके कुछ दिन बाद ही सुरेश टिया को गोद में लेकर घर के बाहर टहल रहा था .टिया का बुखार उतर चुका था .सुरेश ने देखा रमेश की पत्नी मीना अपने बेटे को गोद में उठाए तेजी से कहीं जा रही है .सुरेश ने पूछा -''क्या हुआ भाभी जी ?'' रमेश की पत्नी रोते हुए बोली -'' भाई साहब मेरा बेटा फीवर से तप रहा है और डॉक्टर का नंबर मिल क़र नहीं दे रहा .ये शहर से बाहर काम से गए हैं .कार भी ख़राब है ...इसीलिए बिट्टू को लेकर डॉ.गुप्ता की क्लिनिक पर जा रही हूँ .''  सुरेश बोला -' आप घबराइए मत ...मैं टिया को इसकी मम्मी को देकर आता हूँ '' सुरेश जल्दी से घर के अन्दर गया और टिया को वहां छोड़कर मीना की गोद से बिट्टू को लेते हुए बोला -''मैं जल्दी जल्दी जाता हूँ आप आराम से आ जाइये .'' ये कहकर सुरेश जल्दी जल्दी पैदल डॉ. गुप्ता की क्लिनिक की ओर चल दिया पीछे पीछे चलती मीना यही सोच रही थी कि -'' कार में उस दिन मैं भी तो बैठी थी जब सुरेश भाई साहब टिया को लेकर डॉक्टर की क्लिनिक पर जा रहे थे ...मैंने रमेश को क्यों नहीं टोका......वाकई  कार के अन्दर बैठकर दिल भी कार जितना छोटा हो जाता है .ऐसे कार वाले होने से बेहतर है सुरेश भाई साहब की तरह   बिना वाहन वाले होना .कम से कम सिर पर खुला -फैला  आसमान और पैरों के नीचे जमीन तो रहती है .''

शिखा कौशिक 'नूतन'

5 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

nice presentation .

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

बढिया, बहुत बढिया


मीडिया के भीतर की बुराई जाननी है, फिर तो जरूर पढिए ये लेख ।
हमारे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर। " ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज ! "
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/abp.html

Ramakant Singh ने कहा…

पत्थरो के घर में पत्थर दिल इंसान बसता है ?
खुबसूरत कहानी

vandana gupta ने कहा…

उम्दा कहानी

Darshan jangra ने कहा…

खुबसूरत कहानी