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आग-एक लघु कथा |
सारी बस्ती धूं धूं कर जल रही थी .चीख पुकार मची हुई थी .कोई चिल्लाता -''बचाओ ...मेरे बच्चे को बचाओ '' कोई चिल्लाता ''हाय मेरा सब कुछ जल गया .'' किसी की आहें दिल दहला देती तो किसी का कराहना .बस्ती वालों की आँखें धुएं के कारण खुल तक नहीं पा रही थी . सब कुछ स्वाहा होने से फायर -ब्रिगेड तक नहीं रोक पाई .जो बच गए उनके मुंह पर बस एक ही बात थी -''ऐसी प्रचंड आग नहीं देखी..लगता था माँ चंडी ही अग्नि का रूप लेकर हमें जलाने आई थी .''अग्नि शांत हुई तो अपनों की खैर खबर लेने का सिलसिला शुरू हुआ .शायद ही कोई परिवार था जिसका व्यक्ति न जला हो .सभी अपना सिर पकड़ कर अपने जान -माल के नुकसान का शोक मना रहे थे तभी एक साधु बाबा उधर से निकले . उनके मुख के तेज़ से प्रभावित होकर सभी बस्ती वाले उनके चारों और इकठ्ठे हो गए .शेरू गिड़ गिडाता हुआ बोला -'' महाराज हम गरीबों पर ईश्वर ने जुल्म कर दिया .सब फूँक कर रख दिया .'' साधु बाबा उसे समझाते हुए बोले -'' बेटा उसे क्यों दोष देता है ...मैं देख रहा हूँ कुछ माह पहले एक निर्दोष युवती को डायन कहकर इसी बस्ती में नंगा करके घुमाया गया था ..तुम सब देखते रहे थे .कुछ नहीं बोले ...उस युवती ने घटना से दो दिन बाद ही अपने पर मिटटी का तेल छिड़ककर आग में जलकर जान दे दी थी .ये वही युवती आग के रूप में तुम सबको भस्म करने आयी थी पर एक नन्ही सी बच्ची के कारण तुम सबकी जान बच गयी क्योंकि उसे आग से डरा हुआ देखकर वो उस युवती की प्रतिशोध की आग ठंडी पड़ गयी ...याद करो एक बच्ची नंगी घुमाई जा रही उस युवती के लिए अपने घर से चादर लेकर दौड़ी थी ...'' बस्ती वाले साधु बाबा की बातों पर आपस में बातचीत करने लगे और फिर जब साधु बाबा की ढूंढ मची वे ढूंढें न मिले .
शिखा कौशिक 'नूतन '
4 टिप्पणियां:
सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने .आपकी कहानी मन को छू गयी . आभार . ये है मर्द की हकीकत आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
इशेअरिय शक्ति पर सदैव विश्वास करना चाहिये
बहुत सुन्दर कथा
choo gayi bat
बहुत सुन्दर कथा
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