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रविवार, 9 जून 2013

''आप तो मुसलमान हैं ना -लघु कथा ''

''आप तो मुसलमान हैं ना -लघु कथा ''
शबाना भड़कते हुए बोली -''...पर आप तो मुसलमान हैं ना  ..... आपने क्यों नहीं एतराज़ किया ऐसे जल्लाद को पार्टी की चुनावी  कमान सौपे  जाने पर ...अल्लाह की कसम आपकी अक्ल पर परदे पड़ गए थे क्या ?'' हिन्दू  पार्टी के मुस्लिम महासचिव  साहब  अपनी  सफ़ेद दाढ़ी को सहलाते हुए बोले --'' बेगम इतना गुस्सा सेहत के लिए ठीक नहीं है  . ...ये सियासत की बातें हैं और रही बात मुसलमान होने की तो जान लो उस जल्लाद की नाक कटवाने को ही चुनावी कमान सौप दिए जाने दी है हमने .आप क्या समझती है हमें दर्द नहीं अपने लोगों के  कत्लेआम पर !...आप से भी ज्यादा दर्द है .उस जल्लाद को देखते ही तन-बदन में आग लग जाती है ...ख़ुदा खैर करे इस बार भी पार्टी को पूर्ण  बहुमत मिलने की उम्मीद कम ही है ..अगर इस जल्लाद  की करामातों से हिन्दू वोट मिल गयी तो सत्ता में आते ही मेरा मंत्री पद पक्का है और अगर सत्ता नहीं मिली तो इस जल्लाद का ढोल पिट जायेगा ...नेता की बीवी हो दिल  से नहीं दिमाग से काम लिया करो ...वैसे भी नेता कहाँ हिन्दू-मुसलमान होता है !'' ये कहकर मुस्लिम महासचिव साहब ने जोरदार ठहाका  लगाया और अजान की आवाज पर नमाज पढने के लिए मस्जिद की और चल दिए .''

शिखा कौशिक 'नूतन '

3 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bahut jabardast kataksh .shandar kahani .

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

कटाक्ष करती सुंदर प्रस्तुति,,,

recent post : मैनें अपने कल को देखा,

Ramakant Singh ने कहा…

गंभीर कटाक्ष एक तीर से दो शिकार