लघुकथा - सच बोलने का परिणाम
वह हिम्मत करके जब भी सच बोलता, उसे महसूस होता
कि उसके आस - पास के लोग बहरे व गूंगे हो गए हैं
और वह श्मशान में खड़ा हो गया है।
-डॉ शिखा कौशिक नूतन