फ़ॉलोअर

रविवार, 2 जून 2013

पुलिस की छवि -एक लघु कथा

Little_boys : illustration of a boy cheering on a white backgroundLittle_boys : illustration of a naughty boy  on white background  
जून के माह में शाम को  बगीचे में आराम कुर्सी पर बैठकर हुक्का गुडगुडा रहा था .दोनों पोते वहीँ उधम मचा रहे थे .हनी व् सनी के खेल में मुझे भी मज़ा आने लगा था .सात वर्षीय हनी अकड़ते हुए बोला  -'' सनी तू मेरे से एक साल छोटा  है ...तू चोर बनेगा और मैं इंस्पेक्टर .चल भाग ....मैं पकड़ता हूँ तुझे .''इसके बाद दोनों मेरी आराम कुर्सी के इर्द-गिर्द चक्कर लगाने लगे .सनी बगीचे से निकलकर अन्दर घर की ओर भाग लिया .हनी उसके पीछे पीछे भाग लिया .सनी उसे चकमा देकर फिर से बगीचे में मेरे पास आ गया .मैंने उसे एक ओर इशारा करते हुए कहा- ''वहां छिप जा ....मैं नहीं बताऊंगा .'' सनी हाँफते हुए बोला   -''  अरे  नहीं दददू ....छिपने की जरूरत नहीं ...आप मुझे दस का नोट दे दीजिये ..मैं अभी हनी को रिश्वत देकर छूट जाता हूँ .'' सनी की  बात सुनकर मैं स्तब्ध रह गया कि पुलिस की छवि   बच्चे -  बच्चे   के दिमाग में क्या बन चुकी है ! मैंने हल्की सी चपत सनी के गाल पर लगाई तभी पीछे से हनी ने सनी को आकर पकड़ लिया .

शिखा कौशिक 'नूतन'

16 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

करार व्यंग है ... आज का सत्य भी तो यही है ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आज भी पुलिस की छवि यही है ,,,

recent post : ऐसी गजल गाता नही,

Ranjana verma ने कहा…

सही कहा पुलिस की छवी कभी गिर गयी है... बहुत गभीरता से सोचने की जरुरत है ...अच्छी कहानी.

Ranjana verma ने कहा…

सही कहा पुलिस की छवी कभी गिर गयी है... बहुत गभीरता से सोचने की जरुरत है ...अच्छी कहानी.

Shikha Kaushik ने कहा…

thanks everyone to comment on this blogpost .

Shalini kaushik ने कहा…


विचारणीय रोचक कहानी .आभार . ''शादी करके फंस गया यार ,...अच्छा खासा था कुंवारा .'' साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

सही चित्रण !
LATEST POSTअनुभूति : विविधा ३
latest post बादल तु जल्दी आना रे (भाग २)

दिल की आवाज़ ने कहा…

शिखा जी करार व्यंग .... बधाई

संजय भास्‍कर ने कहा…

पुलिस की छवी गिर गयी है.

के. सी. मईड़ा ने कहा…

बहुत ही मनोरंजक तथा व्यंग्यात्मक लघु कथा. आभार

के. सी. मईड़ा ने कहा…

बहुत ही मनोरंजक तथा व्यंग्यात्मक लघु कथा. आभार

अभिषेक शुक्ल ने कहा…

ye humare sarkaar ki niyati hai.

Shikha Kaushik ने कहा…

aap sabhi ka aabhar

Unknown ने कहा…

क्या खूब व्यंग है...

Unknown ने कहा…

क्या खूब व्यंग है...

Ramakant Singh ने कहा…

हकीक़त नहीं फिर भी सच के करीब ****** बेहतरीन लघु कथा