[कीमती सलाह -लघु कथा [सर्वाधिकार सुरक्षित ]चित्र गूगल से साभार ] |
''...और सुनाओ ठाकुर क्या चल रहा है ? लौंडा किसी काम पर लगा या नहीं ?'' सत्तो ने सड़क पर अचानक मिले अपने मित्र से पूछा तो ठाकुर खिसियाता हुआ बोला -'' कहाँ यार ? कुछ सूझ ही नहीं रहा है ....तू बता क्या धंधा जुड़वाऊं ?'' सत्तो दोनों हाथ पीछे बाँधकर तजुर्बेदार बनता हुआ बोला -''..रोड़ी -बदरपुर का काम जोड़ ले ,सीमेंट की एजेंसी ले ले .....भाई अब के नगरपालिका चुनाव में अपने वार्ड से तेरा जीतना तय है .जो भी चेयरमैन बने उससे बनाकर रखना ...ठेकेदार का कमीशन पक्का रखना ..बस माल के ऑडर पर ऑडर मिलते जायेंगें तू सप्लाई करता जाना ....सच्ची कहूँ करोड़ों कमावेगा .'' ठाकुर ने सत्तो से हाथ मिलाते हुए कहा -''...सच यार ..दूर की कौड़ी ढूंढ लाया है तू तो ..शुक्रिया !
शिखा कौशिक 'नूतन '
6 टिप्पणियां:
vakai keemati hai .nice story .
आपकी यह रचना आज शुक्रवार (19-07-2013) को निर्झर टाइम्स पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
behtareen...
यही बंदर बाँट देश को खोखला कर देता है
ऐसे ही देश की मिट्टीपलीत हो रही है
BEHATARIN LAGHU KATHA
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