पिल्ले की माँ और सी.एम् साहब -लघु कथा |
सी .एम. साहब सुबह की सैर पर ड्राइवर को लेकर अपनी शाही कार से निकल लिए .ड्राइवर भी सत्ता की नींद से जागा नहीं था .सड़क पर वो दौड़ाई गाड़ी कि गुजरात की अर्थवयवस्था की विकास दर को भी रफ़्तार में पछाड़ दिया . सी.एम्. साहब पीछे की सीट पर थे .तभी जोरदार ब्रेक लगाकर ड्राइवर ने कार रोक दी .सी.एम् साहब भड़ककर बोले -'' क्या हुआ? क्यों रोक दी कार ?'' ड्राइवर घबराते हुए बोला -'' साहब एक कुत्ते का पिल्ला सामने आ गया .उतरकर देखना पड़ेगा बचा या नहीं ?'' ड्राइवर कार से निकला तो सी.एम्. साहब भी निकल लिए .दयावान सी.एम्. कोमल ह्रदय के जो है .राज्य में क़त्ल-ए.आम हो जाये तो कोई बात नहीं पर कुत्ते का पिल्ला कार के नीचे आ जाये ये उनके दिल को दुःख पहुंचाता है .बड़े लोगों की बड़ी बड़ी बातें पर कार से ज्यों ही सी.एम्.साहब निकल कर खड़े हुए पिल्ले की माँ ने उनके पैर में दांत गड़ा दिए .सी.एम्. साहब दर्द से कराहते हुए बोले -'' मैं कार नहीं चला रहा था .तुम्हारे पिल्ले पर कार इस ड्राइवर ने चढाई है .'' पिल्ले की माँ पिल्ले को चाटते हुए बोली -'' ओह गलती हो गयी .आपको को काटने का मुझे दुःख तो है पर अफ़सोस नहीं .'' ये कहकर पिल्ले की माँ उसे अपने साथ ले गयी और ड्राइवर सी.एम्.साहब को लेकर अस्पताल के लिए रवाना हो लिया .
शिखा कौशिक 'नूतन '
7 टिप्पणियां:
सत्य आधारित सुन्दर लघु कथा .
एक करारा व्यंग्य। शानदार।
बहुत खूब,सत्य घटना पर आधारित सुंदर प्रस्तुति...
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बढिया..
सीएम और ड्राईवर का करेक्टर तो साफ है..
पिल्ले और पिल्ले की मां किसके लिए है।
bhut acchi
बेहतरीन विचार परक लघु कथा
@MAHENDR JI -THINK THINK AND THINK ...I CAN'T WRITE .
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