'' ये एच.एम् क्या है ?''लघु कथा DO NOT COPY |
रात के आठ बजे 'चोर..चोर..चोर ' का शोर सुनते ही गली के सभी लोग घरों से बाहर निकल आये .शर्मा जी ने एक किशोर का कॉलर कसकर पकड़ रखा था .शर्मा जी का चेहरा गुस्से से लाल था .अग्रवाल साहब उनके समीप पहुँचते हुए बोले -'' क्या हुआ शर्मा जी ?'' . शर्मा जी भड़कते हुए बोले -'' ये बदमाश मेरे घर में घुसकर एक कोने में छिपा हुआ था .वो तो अचानक मेरी नज़र वहां पड़ गयी वरना ये चोरी कर भाग जाता और हम सिर फोड़ते रह जाते .''शर्मा जी की बात सुनकर एकत्र हुई भीड़ गुस्से में भर गयी और उस चोर को पीटने के लिए आगे बढ़ी .तभी वो चोर चीखता हुआ बोला -'' ख़बरदार जो मेरे किसी ने हाथ लगाया ...मैं मुसलमान हूँ ...एच.एम्.हो जावेगी !''वर्मा जी ने जैन साहब से धीरे से पूछा -'' ये एच.एम् क्या है ?'' जैन साहब उनके कान में धीरे से बोले -'' अरे भाई हिन्दू-मुस्लिम .'' बढती भीड़ के कदम पीछे हटने लगे तभी भीड़ को चीरते हुए दूसरी गली के जाकिर मियां चोर के पास पहुँच गए और उसके मुंह पर तमाचा लगाते हुए बोले '' क्या कहा तूने एच.एम्. हो जावेगी .चोरी के लिए तो तुझे माफ़ कर देता पर इस घटिया बात के लिए तो तेरे टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा !'' जाकिर मिया का गुस्सा देख अग्रवाल साहब व् जैन साहब ने उन्हें बमुश्किल काबू में किया .वर्मा जी ने पुलिस को फोन कर घटना स्थल पर बुला लिया और पुलिस उस चोर को पकड़कर ले गयी .
शिखा कौशिक 'नूतन'
7 टिप्पणियां:
sahi kadam uthaya gaya hai sahi laghu katha .nice
लेकिन बेचारे एकाध ज़ाकिर मियाँ आखिर क्या-क्या कर लेंगे!!
Nice story!
काश ये समझदारी सब में आ जाये
काश पूरे समाज की ये हकीकत बन जाए ...
अच्छी कहानी ...
बहुत सुंदर कथा,,,
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RECENT POST : अभी भी आशा है,
behatarin laghu katha
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