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रविवार, 28 जुलाई 2013

इत्मिनान की साँस -short story

Brother_sister : Two smiling little kids hugging each other, isolated on white
इत्मिनान की साँस -short story
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''सौम्या   कहाँ है ?'' रमेश ने सुमन को कड़कदार आवाज़ लगाते हुए पूछा .सुमन आटा मांडना  बीच में छोड़कर हडबडाती हुई  रसोईघर से निकलते   हुए ड्राइंग रूम में प्रवेश करते हुए बोली -'' आती ही होगी ...मार्किट गयी है ...अभी शाम के साढ़े पांच ही तो बजे हैं !'' रमेश उबलता हुआ बोला -'' पांच बजे या चार ...लड़की का ज्यादा देर घर से बाहर रहना ठीक नहीं .....दिल्ली  तक में बुरा हाल है ..यहाँ के माहौल का क्या कहना ...?'' सुमन रमेश को ठंडा करते हुए बोली -'' चिंता मत करो छोटू गया है उसके साथ .'' रमेश इत्मिनान की साँस   लेता  हुआ बोला '...सौम्या की माँ तू भी पगली है ...ये बात पहले बतानी चाहिए थी ...चलो ठीक है !'' ये कहकर रमेश निश्चिन्त होकर देवी माँ के संध्या-वंदन की तैयारी में जुट गया .

शिखा कौशिक 'नूतन '

3 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

BILKUL SAHI STHITI DIKHAYI HAI .NICE SHORT STORY .

रविकर ने कहा…

सटीक कथ्य-

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

सही है,
बढिया